Tuesday 4 February 2020

हाइकु परख...

आइए देखें आ. अनंत पुरोहित जी की एक कृति...

पोंगल पर्व~
साँढ की सींग पर
टँगा आदमी।

हाइकुकार-श्री अनंत पुरोहित जी

हाइकुकार ने इस हाइकु में *पोंगल पर्व* को प्रथम बिंब के रूप में चुना है। यह *ऋतुसूचक* व त्योहार से संबंधित है जिसे *कीगो* कहा जाता है।यह बिंब अपने आप में सशक्त है। क्योंकि पोंगल पर्व दक्षिण भारत में तमिल वासियों का प्रिय उत्सव है।यह कृषि से संबंधित और ऋतु विशेेेष है। इसकी तुलना नवान्न से की जा सकती है जो फसल की कटाई का उत्सव होता है। पोंगल का तमिल में अर्थ *उफान या विप्लव* होता है। पारम्परिक रूप से ये सम्पन्नता को समर्पित त्यौहार है जिसमें समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप तथा खेतिहर मवेशियों की आराधना की जाती है।

दूसरा बिंब है-

साँढ़ की सींग पर टँगा आदमी

        यह बिंब भरपूर *आह* के पल समेटे हुए है।पोंगल चार दिनों का पर्व है,इसके अंतिम दिन *जलीकट्टू* नाम का पर्व मनाया जाता है जिसमें बैलों के साथ युवा लड़ाई करते हैं।इस प्रक्रिया में उनके प्राण भी चले जाते हैं।इस खूनी खेल को सरकार ने प्रतिबंधित भी किया है।किंतु फिर भी परंपरा के नाम पर आज भी यह खेल खेला जाता है।इस प्रकार हाइकुकार ने इस हाइकु में प्रकृति परिवर्तन, शस्य उत्सव, और उससे जुड़ी समस्या को समेटने का प्रयास किया है। यह हाइकु अपने आप में सशक्त हैऔर भरपूर आह व वाह के पल को समाहित किए हुए है।यह अपने अर्थ को अभिव्यक्त करने में सक्षम है। *दृश्य बिंब* का सार्थक प्रयोग इसमें किया गया है

समीक्षक
अभिलाषा चौहान
हाइकु विश्वविद्यालय

No comments:

Post a Comment

  https://www.blogger.com/profile/17801488357188516094 Blogger 2023-01-14T07:17:12.311-08:00 <?xml version="1.0" encoding="...